सोने की फसल कहानी| (story in hindi)

सोने की फसल कहानी(story in hindi)



 दोस्तों एक बार की बात है एक गांव में एक किसान रहता था वह बहुत मेहनती था और प्रत्येक दिन अपने खेत में जाकर बहुत परिश्रम करता था और उसके चार पुत्र थे वह मेहनत करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था, उसके पुत्र बड़े हो गए तो उसे लगा कि अब उसे इतनी मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी वह भी उसका साथ देंगे, वह भी उसके साथ काम करेंगे लेकिन दोस्तों जब वह बड़े हुए तो वह बहुत दुखी रहने लगा क्योंकि उसके पुत्र बिल्कुल भी काम नहीं करते थे और बहुत आलसी थे वह खेत में जाना भी पसंद नहीं करते थे जिसकी वजह से किसान बहुत परेशान  रहने लगा वह सोचने लगा कि अगर यह ऐसे ही रहेंगे तो मैं कैसे अपने परिवार का पालन पोषण अकेला कब तक करूंगा तो दोस्तों एक दिन वह बहुत बीमार हो जाता है और उसे डर होता है कि कभी बारिश ना आ जाए क्योंकि आसमान में बहुत बादल छाए होते हैं और उसे अपने सारे खेत की खुदाई भी करनी होती हैं तो वह बहुत बुरी तरह बीमार होने के बाद भी खेत में जाता है और वहां पर काम करता है एक दिन वह काम करते-करते खेत में गिर जाता है तभी उसका एक पड़ोसी उसे देखकर वहां आता है और कहता है कि भाई तू बहुत बीमार है अब तुझसे इतना काम नहीं होता तो घर रहा कर लेकिन वह कहता है कि मेरी औलाद अच्छी नहीं  है, वह काम नहीं करती तो ऐसे में मैं क्या करूं फिर वह परेशान होकर घर आता है और देखता है,

 कि उसकी पत्नी जोर जोर से रो रही हैं वह उसे देखकर घबरा जाता है.
 और उसके रोने का कारण पूछता है कि क्या हुआ उसकी पत्नी बताती है की आज उसके बेटे उससे कुछ पैसे मांग रहे थे , मैंने पैसे देने से मना कर दिया और उन्होंने घर में चोरी करके जितने भी पैसे थे वह सभी चुराकर वह बाजार गए हैं किसान भी बहुत परेशान हो जाता है और उधर उसके बेटे  बाजार में उन पैसों से खूब मजे ले रहे  हैं उधर उसका बूढ़ा बाप बहुत परेशान है तो जब वह आते  हैं तो उसका पिता उन पर बहुत गुस्सा होता है कि तुम कहां पैसों को उड़ा कर आए हो और क्यों फालतू में खर्च कर रहे हो घर में और पैसे नहीं हैं और अभी फसल आने को काफी समय बाकी है तो घर का गुजारा कैसे करेंगे लेकिन दोस्तों वह इतने बेकार है उनको इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कहां से खाने को आएगा कैसे घर का खर्च चलेगा दोस्तों उनकी मां उनको बहुत समझाती है कि  तुम्हारे पिता की तबीयत ठीक नहीं है तुम खेत में जाकर उनके साथ काम करवाओ लेकिन वह नहीं मानते फिर किसान मन ही मन में एक बात सोचता है कि क्यों ना मैं एक योजना बनाता है वह अपने बेटों को कहता है कि मैं बहुत बीमार हो गया हूं और मुझे नहीं लगता कि मैं अब ज्यादा दिन तक जीवित रह पाऊंगा तो मैं तुम्हें कुछ राज की बात बताना चाहता हूं इतना सुनते ही चारों बेटे उसके पास आकर बैठ गए  और बोले  जल्दी बताओ पिताजी क्या बात बताने जा रहे हो, तो वह कहता है कि तुम ऐसा करो खेत में जाओ
वह कहता है कि मैंने कुछ समय पहले कुछ सोना और पैसे जमीन के नीचे रख  दिए थे क्योंकि मुझे तुम लोगों पर भरोसा नहीं था मुझे यह था कि अगर मैं घर में पैसे रख लूंगा तो तुम कहीं उसे चुराना लो तुम्हारे डर से मैंने कुछ पैसे और सोना जमीन में दबा कर रख दिए थे तो इतना सुनते वह खुश हो जाती हैं और कहते हैं कि अभी लेकर आते  हैं हम
और वह पैसे और सोने को लेने के लिए खेत में जाते हैं वहां जाने के बाद बहुत बड़ा खेत देखकर उन्हें समझ नहीं आता कि उनके पिताजी ने पैसे कहां छुपाए हैं तो वह सोचते हैं कि क्यों ना हम सारे खेत की खुदाई करके देखे वह ऐसा सोचकर सारे खेत की खुदाई कर देते हैं लेकिन उन्हें पैसा कहीं नहीं मिलता जब शाम को घर वापस आते हैं,
 तो अपने पिता से कहते हैं, कि तुमने हमें झूठ बोला है ह,हमे  तो जमीन में कहीं भी पैसे  नहीं मिले 
 तो उसका पिताजी कहता है कि मैं तुम्हें एक बात बताना भूल गया था एक बेटा बोला क्या पिताजी कि मेरे  पास कुछ मंत्र वाले बीज हैं खेत बहुत बड़ा है इस वजह से मैं भी भूल गया हूं कि मैंने कहां पर खजाना छुपाया हुआ है तो तुम इन जादुई बीजो  को लेकर खेत में अच्छी तरह सारी  जगह पुरे खेत में गेर (उगा ) कर आ जाओ  जहाँ वह खजाना होगा वहाँ पर सोने की फसल उग जाएगी |
यह सुनकर वह लालच में आ जाते हैं और उन सभी बीजों को ले जाकर के खेत में बो  कर आ जाते हैं घर आते हैं तो 4 महीने का इतंजार  करने लगते हैं कि कब 4 महीने होंगे और वहां पर सोने की फसल उगे  जब 4 महीने हो जाते हैं तो वह देखते हैं खेत में जाकर कि कहीं पर भी सोने की फसल नहीं हुई  बल्कि पूरे खेत में गेहू की फसल उग गयी  हैं तो वह अपने पिताजी से पूछते हैं कि यहां पर तो सारी जगह पर फसल  है लेकिन सोने की फसल तो कहीं भी नहीं है तो उसका पिताजी उनको बताता है कि जो फसल तुम देख रहे हो , बेटा यही सोना है ,हम इस फसल को काट कर बाजार में बेच आएगे और उससे हम अपने लिए भोजन, सोना, पैसे और खजाना बहुत कुछ लेकर आ सकते हैं तो ऐसा सुनकर  उसके बेटो  को  बहुत दुख होता है, उनको अपनी गलती का पछतावा होता है और वह सारी फसल को लेकर के बाजार में बेच कर आ जाते हैं और उसके बदले में पैसे ले आते हैं तो दोस्तों ऐसे ही मैं आपको इस कहानी के माध्यम से यह बताना चाहती हूं कि हमें मेहनत करनी चाहिए, काम  करना चाहिए जब ही  हमारे पास पैसे आएंगे सोना चांदी आएगा, तो दोस्तों कभी भी हमें पड़े पड़े यह  नहीं सोचना चाहिए कि पैसे ऐसे ही ऊपर से आकर के गिर जाएंगे जब तक हम मेहनत नहीं करेंगे तो हमें कुछ भी प्राप्त नहीं होगा मेहनत करना हमारा सबसे पहला कर्तव्य होता है मेहनत का फल हमें भगवान जरूर देता है , भगवान् भी हमे तभी देता है जब हम मेहनत करते है ,हमें हमेशा मेहनत करती रहनी चाहिए और अपने बच्चों को भी ऐसी ही शिक्षा वाली कहानियां सुनानी चाहिए
धन्यवाद 

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