भगवान शिव की सच्ची घटना 2 | जानिए कैसे महादेव खुद एक बालक के मामा बन कर आए |


भगवान शिव की सच्ची घटना 2 |  जानिए  कैसे महादेव खुद एक बालक के मामा बन कर आए | 


  जब भी हम भगवान को सच्चे मन से पुकारते हैं और उन्हें याद करते हैं अच्छे कर्म करते हैं तो भगवान हमारी सहायता करने किसी ना किसी रूप में जरूर आते हैं, तो आज हम आपके लिए बहुत ही रोचक कहानी लेकर आए हैं, जिसे सुनकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे|दोस्तों एक बार की बात है एक औरत अपने 2 साल के बेटे और अपने भाई के साथ एक गांव में रहती थी, उसके पति का देहांत हो गया था इस कारण वह अपने बेटे के साथ अपने घर आ गई और अपने भाई के साथ खेत में काम करके गुजारा करने लगी, उसके बेटे का नाम शुक्रण था और उसका मामा उसको बहुत प्यार करता था, दोनों मामा भांजा एक दूसरे के साथ खेला करते थे कुछ समय पश्चात उसका मामा काम की तलाश के लिए कहीं दूर चला गया और बहुत दिन बीत गए लेकिन वह वापस नहीं आया कुछ दिन शुक्रण अपनी मां से पूछता रहा कि मेरा मामा कब आएगा उसकी मां उसको बताती है  कि वह बहुत जल्दी लौट आएंगे वह पैसे कमाने के लिए गए हैं लेकिन जब वह  वापस नहीं लौटा तो शुक्रण  बहुत परेशान रहने लगा सारा दिन रोता रहता था, और बहुत उदास रहने लगा  उसकी मां उसे ऐसा देख कर बहुत दुखी होती थी एक तो उसे अपने भाई का दुख था कि पता नहीं उसका भाई जीवित भी  है या नहीं
और ऊपर से उसका बेटा भी बहुत उदास रहता था वह शिव की पूजा किया करती थी तो उसने अपने बेटे से कहा कि बेटा जब तक तुम्हारे मामा नहीं आते तुम शिव भगवान से बातें किया करो और उनको अपना मामा कहकर पुकारा करो वह बच्चा बहुत बोला था और बहुत सच्चे दिल का था तो वह ऐसे ही करने लगा जिससे उसके मामा की याद उसे कम सताने लगी और जब भी वह दुखी होता तो महादेव  के सामने बाते  किया करता था, एक बार उसकी मां बहुत बीमार हो गई तो उनके घर पर खाने को कुछ नहीं था तो वह छोटा सा बालक भोजन की तलाश में दूसरे गांव की तरफ चला गया तो उसे रास्ते में एक सेब का पेड़ दिखाई दिया, सेब के पेड़ के नीचे शिवलिंग रखा हुआ था और उस गांव वाले उस शिवलिंग की पूजा किया करते थे तो बच्चा जब सेब  तोड़ने लगा तो उसका हाथ सेब तक  नहीं पहुंचा वह बार-बार कोशिश करता रहा लेकिन उससे सेब  नहीं टूटी वह बहुत भूखा था और बोला था
तो उसे कुछ नहीं सुझा  वह शिवलिंग पर चढ़कर सेब तोड़ने लगा लेकिन फिर भी उसका हाथ नहीं पहुंचा इतने में कुछ गांव  वाले वहां पर आ गए और उन्होंने शुक्रण को बहुत जोर से धमकाया और कहा कि तुमने यह क्या कर दिया भगवान तुम्हें माफ नहीं करेंगे और साथ में हमारे गाँव  वालों को भी इसकी सजा मिलेगी |
तुम शिवलिंग के ऊपर क्यों चढ़ गए लेकिन दोस्तों वह बालक गर्मी की वजह से पसीने  से लथपथ था, जब वह शिवलिंग पर चढ़ा तो कुछ  पसीने की बूंदे शिवलिंग के ऊपर गिर गई जिसे देखकर भगवान को उस पर बहुत दया आ गई, की  मेरा भक्त  भूखा प्यासा फिर रहा है पसीने से कैसे भूखा प्यासा फिर रहा है शुक्रण गांव वालों के  चिल्लाने से बहुत डर गया और वह वहीं बैठ कर रोने लगा जब सभी गांव वाले वहां से चले गए तो भगवान वहां पर प्रकट हुए एक साधारण से रूप मे, और बोले तुम्हें क्या चाहिए उसने कहा कुछ नहीं
 मुझे बहुत भूख लगी है मुझे कुछ खाने को चाहिए तो भगवान ने उसे  सेब तोड़ कर दी और कुछ समय पश्चात भगवान ने कहा कि तुम्हें जो चाहिए मांग लो और भगवान ने अपना असली रूप धारण कर लिया तो बच्चे ने कहा कि मेरी मां को ठीक कर दो वह बहुत बीमार है और भगवान् ने  कहा बस इतनी सी बात कुछ और मांग लो तो उसने कहा कि मेरे मामा वापस आ जाए तो भगवान ने उसको कहा कि बहुत जल्दी तुम्हारे मामा वापस आ जाएंगे बच्चा  बहुत खुश हो गया और जब वह घर  गया तो उसने देखा कि उसकी मां बिल्कुल ठीक हो गई है और उसने अपनी मां को वह घटना बताई , जो उसके साथ घटना घटी थी उसने अपनी मां को बताया कि भगवान ने मुझे सेब  तोड़ कर दी और मुझे कहा कि तुम्हारे मामा जल्दी वापस आ जाएंगे यह सुनकर एक बार तो उसकी मां बहुत खुश हुई और फिर उसकी आंखों में आंसू आ गए कि हे भगवान तूने बच्चे को यह कैसा वादा कर दिया है कुछ दिनों बाद भगवान उसके मामा का रूप धारण करके उसके घर के बाहर आए और जोर से आवाज लगाई सुकन मेरे भांजे कहां हो मैं आ गया हूं तो उसकी मां दौड़कर बाहर आई और अपने मामा की गोद में चढ़ गया उसकी मां यह सब देखकर बहुत प्रसन्न हुई लेकिन उसकी प्रसंता कुछ देर की ही थी कुछ देर बाद वह सोचने लगी कि मेरा भाई तो  इस दुनिया में नहीं है जब रात हो गई तो वह समझ गई कि यह मेरा भाई नहीं है यह खुद भगवान उस का रूप धारण करके आया है तो वह भगवान के पास जाकर उसके चरणों में बैठकर जोर जोर से रोने लगी, जब भगवान ने उसको देखा और कहा  तुम्हारा बेटा बहुत अच्छा है मैं तुम्हारे बेटे के कोमल मन से बहुत प्रसन्न हूं तो मुझे आना ही पड़ा नहीं तो मेरा किया हुआ वादा झूठ हो जाता अगले दिन सुबह भगवान शुक्रण  से कहता है कि मैं शहर वापस जा रहा हूं पैसे कमाने के लिए वहां पर मेरा बहुत बड़ा काम है मेरा जाना जरूरी है , जब भी तुम्हें मेरी याद आए तो तुम मुझे दिल से पुकार लेना मैं तुम्हारे पास जरूर आ जाऊंगा और ऐसा कहकर महादेव वहां से चले जाते हैं,और उस बच्चे और महादेव का रिस्ता जन्म जन्मो का जुड़ जाता है , तो दोस्तों देखा कैसे जब हम सच्चे मन से भगवान को पुकारते हैं तो वह चले आते हैं
धन्यवाद | 

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