भगवान् और उसके भक्त की एक सच्ची घटना 4 | जानिए इस कहानी से कैसे करते है भगवान् अपने भक्त की रक्षा | ???
shiv story(god story)
दोस्तों एक बार की बात है, हिमाचल प्रदेश में ठंड में कुछ
सेना के नौजवान देश की रक्षा कर रहे होते हैं और वह एक रास्ते से गुजरते हैं लेकिन उन्हें बहुत ज्यादा ठंड लग गई होती है और बहुत चलने की वजह से उन्हें भूख भी लग जाती हैं वह सोचते हैं कि रात हो गई है और यहां पर कहीं रुकने की जगह भी नहीं है और ऐसा भी नहीं है कि कहीं पर चाय की दुकान हो कि हम चाय पी ले सुनसान जगह है तो वह ऐसे ही सोचते -सोचते आगे बढ़ते रहते हैं तभी उन्हें एक दुकान नजर आती है लेकिन वह दुकान बंद होती है वह उसके सामने आराम करने के लिए बैठ जाते हैं उनके दिमाग में आता है कि शायद यह चाय की दुकान है ऐसा सोचकर वह दुकान का ताला तोड़ देते हैं और वहां पर
चाय बनाकर पीते हैं और साथ में
बिस्किट भी खाते हैं ऐसा करके उनकी ठंडी उतर जाती है और उनकी भूख भी मिट जाती है लेकिन बाद में उनको बुरा लगता है कि उन्होंने दुकान का ताला तोड़ा है और पता नहीं किस की दुकान होगी हमने गलत किया है तो वह ऐसा सोच कर वहां पर सभी पैसे इकट्ठे करके कुछ पैसे रख देते हैं , वह जितने की चाय पीते हैं उससे कहीं ज्यादा पैसे रख देते हैं, उन्हें लगता है कि इस चाय दुकान की वजह से हमारी थकान भी उतर गई है और हमारी बहुत मदद हुई है वह खुश होकर वहां पर पैसे रख देते हैं और आगे चले जाते हैं, दो-तीन दिन बाद वह उसी रास्ते से वापस आते हुए वह देखते हैं कि वह
दुकान खुली हुई है तो वह सोचते हैं चलो देखते हैं इसी दुकान से चाय पीते हैं और देखते हैं कि यह दुकान किसकी है वह वहां चाय पीने के लिए रुक जाते हैं तो वह देखते हैं कि वहां पर एक बुजुर्ग आदमी काम कर रहा है और उस बुजुर्ग से बोलते है काका हमारे लिए चाये बना दो , और उस आदमी से बाते करने लगते है और ऐसे ही बात करते करते वह बताता है कि भगवान हमारी हमेशा मदद करते हैं और भगवान हमारे हमेशा साथ रहते हैं , तभी उसको पूछते हैं कि तुम यह बात कैसे कह सकते हो कि भगवान हमेशा हमारा साथ देते हैं और हमेशा हमारे साथ रहते हैं उन्होंने देखा कि वह बहुत विश्वास के साथ यह बात कर रहा है तो उन्होंने उसके इतने गहरे विश्वास का कारण पूछा की तुम कैसे कह सकते हो की भगवान् हमारा हमेसा साथ देते है , तो ऐसी बातों बातों में बताने लगा कि कुछ दिन पहले की बात है मेरा बेटा बहुत बीमार था और मैं उसका इलाज करवाने के लिए हस्पताल गया हुआ था और यहां पर मेरी दुकान बंद पड़ी थी और मेरी दुकान से ही मेरा घर चलता है मैं भगवान को हमेशा याद करता हूं लेकिन मैं वहां पर भी भगवान को ही याद कर रहा था कि मेरा हॉस्पिटल में होने की वजह से मेरे घर की आमदनी बंद हो गई है जो पैसे मैंने बचा कर रखे थे वह मेरे बेटे के इलाज पर लग गए उसके अलावा हमारे घर पर पैसे नहीं थे, मुझे पैसो की बहुत जरूरत थी ,जब म वापिस आया तो मैंने देखा ,कि मेरी दुकान का ताला टूटा हुआ था देख कर मैं बहुत डर सा गया और मैं बहुत परेशान हो गया जब मैं अंदर आया तो मैंने देखा जितनी दिन मेरी दूकान बंद रही उतने दिन के पैसे मेरे गुल्लक में पड़े हुए हैं यह देखकर मै सोचने लगा कि यह पैसे कैसे आएं तो फिर मेरे दिमाग में आया कि भगवान ने यह पैसे मुझे दिए होंगे क्योंकि मैं भगवान को याद कर रहा था , इसलिए मैं आपको बता रहा हूं कि भगवान हर जगह और हमारी मदद करते हैं ऐसा देखकर और उसका इतना विश्वास है कोई भी नौजवान कुछ नहीं बोला और चुपचाप चाय पी कर बोले चाय बहुत अच्छी थी काका , और उसके पैसे देकर आगे निकल गए तो दोस्तों मैं आप को यही बताना चाहती हूं कि यह बात सच है भगवान हमारी मदद करने नहीं आते बल्कि वह किसी ना किसी रूप में आकर हमारी मदद कर देते हैं या किसी इंसान के रूप में हमारी मदद करते हैं वह इंसान उस समय हमारे लिए भगवान जैसा होता है यह आपने अपनी जिंदगी में भी महसूस किया होगा कि जब हम बहुत ज्यादा संकट में होते हैं तो कोई ना कोई हमें बचा लेता है और हमें लगता है कि या तो हमारे लिए भगवान का ही रूप है दोस्तों यह बात सच होती है कि भगवान हर एक इंसान में होता है और अगर हम भगवान पर पूर्ण विश्वास रखते हैं तो वह किसी न किसी प्रकार से हमारी मदद जरूर करता है तो दोस्तों हमें हमेशा मेहनत करती रहनी चाहिए क्योंकि मेहनत का फल ही भगवान हमें देता है अगर हम फ्री घर पर बैठकर यह सोचेंगे कि हमारे पास बहुत सारे पैसे बंगला गाड़ी हो जाए तो यह सोचना गलत होता है और ऐसा कुछ नहीं होता और कई लोगों को आपने देखा होगा कि बिना मेहनत के भी उनके पास बहुत सारा धन दौलत होती है और उन्हें देखकर आपको लगता होगा कि इनके कर्म तो बहुत यह कौन से अच्छे कर्म करते हैं जो इनके पास पैसे हैं तो हम क्यों करें लेकिन ऐसा नहीं होता क्योंकि पैसा ही सब कुछ नहीं होता अगर उनके पास सब कुछ है तो उनके पास किसी ना किसी चीज की कमी जरूर होगी, पैसा भी तभी अच्छा लगता है जब हमारे पास दूसरे प्रकार के अन्य सुख भी हो जैसे हमारी काया स्वस्थ हो हमारी आज्ञाकारी संतान हो आज्ञाकारी पत्नी हो हमारे घर में कलेश नहीं हो तो दोस्तों अगर हम भगवान के शरण में जाते हैं तो हमें सभी प्रकार के सुख मिलते हैं और संतुष्टि होनी चाहिए हम कम पैसे में भी अपना गुजारा कर सकते हैं परंतु जीवन में दूसरे सुखों का होना भी बहुत जरूरी है पैसे से सब कुछ खरीदा नहीं जा सकता
धन्यवाद
Comments
Post a Comment