बूढ़ी अम्मा और उसकी सोने का गोबर करने वाली गाय | रविवार व्रत कथा|जादुई गाय

बूढ़ी अम्मा और उसकी सोने का गोबर करने वाली गाय | रविवार व्रत कथा |घर से गरीबी को बाहर निकालने के लिए करे ये छोटा सा उपाए


 दोस्तों आज मैं आपको इस कहानी के माध्यम से बताऊंगी की क्यों हमें रविवार को सूर्य  को जल चढ़ाना चाहिए और रविवार का व्रत करना चाहिए दोस्तों इसकी परंपरा बहुत दिनों से चली आ रही है दोस्तों आज मैं आपको एक कथा के माध्यम से बताऊंगी कि कैसे एक बूढ़ी अम्मा पर भगवान सूर्य देव ने अपनी कृपया की और दोस्तों जो भी भगवान सूर्य को सच्चे मन से जल अर्पण करते हैं उनका व्रत रखते हैं तो भगवान उनकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं,  

 शुरू करते हैं दोस्तों एक बार की बात है एक गांव में एक बहुत गरीब बूढ़ी औरत रहती थी वह दिल की बहुत अच्छी थी और प्रत्येक रविवार भगवान सूर्य का व्रत करती थी दोस्तों वह सुबह उठ कर नहा धोकर अपने घर को गाय के गोबर से शुद्ध करती थी उसके बाद सूर्य देवता को जल चढ़ाकर भोजन बनाकर सूर्यदेव को भोग लगाती  थी  उसके बाद वह खुद खाना खाती थी उसका घर बहुत साफ सुथरा रहता था, और वह बहुत खुश रहती थी यह देखकर उसकी एक पड़ोसन उससे बहुत जलती थी,  वह हमेशा उस पड़ोसन की गाय का गोबर अपने घर में  फेरती थी एक रविवार जब वह उस पड़ोसन के घर गाय का गोबर लेने गई तो उस पड़ोसन ने गाय का गोबर देने से मना कर दिया और गाय को अपने घर के अंदर बांध लिया दोस्तों यह देखकर बूढ़ी अम्मा के आंखों में आंसू आ गए और वह अपने घर वापस चली गई दोस्तों जब उसे कहीं गोबर नहीं मिला तो उसने ना तो अपने घर के अंदर गोबर फेरा और ना भोजन बनाया ना सूर्य देव को जल अर्पण किया ऐसे ही भूखे प्यासे रात को सो गई | 

 उसे दुखी देखकर भगवान सूर्य उसके सपने में आए और उसके भूखे सोने का कारण पूछा तो दोस्तों उसने बताया कि उसकी पड़ोसन ने उसके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जिसके कारण वह बहुत दुखी है तो दोस्तों सूर्यदेव ने उसको वरदान दिया कि मैं तुम्हें एक गाय दे दूंगा |  जिसके बाद तुम्हारे जीवन में कोई भी दुख नहीं रहेगा और तुम गरीब भी नहीं रहोगी, वह गाय तुम्हारी हर मनोकामना पूरी करेगी ऐसा बोलकर सूर्यदेव सपने से चले जाते हैं दोस्तों जब वह सुबह उठती है तो वह देखती है कि उसके घर के बाहर  आंगन में एक गाय  बंधी हुई है यह देखकर वह बहुत खुश होती है, वह गाय को अपने घर के आगे बाहर बांध देती है पड़ोसन यह देखकर और दुःखी हो जाती है और उसकी गाय पर ध्यान रखती हैं

  जब उसकी पड़ोसन सुबह देखती है कि उसकी गाय ने सोने का गोबर किया है तो वह आश्चर्यचकित हो जाती हैं और उस गोबर को अपने घर उठाकर ले जाती हैं वह अगले दिन फिर ऐसा ही करती हैं, अम्मा को इस बारे में कुछ नहीं पता था  तो  एक दिन सूर्य भगवान यह देख कर बहुत बारिश और तूफान चला देते हैं अम्मा सोचती है कि कहीं मेरी गाय को कोई नुकसान ना हो जाए वह उसे अपने घर के अंदर बांध लेती है   बुढ़िया सुबह उठती है तो वह देखती  है कि उसकी गाय ने सोने का गोबर कर रखा है तो वह उस गोबर को उठा लेती हैं और बहुत खुश होती है ऐसे करते-करते वह बहुत अमीर हो जाती हैं यह सब देखकर पड़ोसन मन ही मन में बहुत जलती है वह उसकी खुशी देखकर बहुत परेशान हो जाती है तो उसे एक सुझाव आता है कि क्यों ना वह राजा  को यह सब बता दें तो वह अगले दिन दरबार में जाकर राजा को उस गाय के बारे में बता देती हैं  राजा यह  जानकर  अपने सैनिकों को बुलाता है और उसकी गाय को अपने दरबार में लेकर आने को बोलता है तो दोस्तों सैनिक जाकर गाय को ले आते हैं बूढ़ी अम्मा उनके आगे हाथ जोड़ती है लेकिन वह नहीं मानते और गाय को ले आते हैं  वह बहुत रोती है और सूर्य भगवान से प्रार्थना करती है कि मेरी गाय  को वापस दिलवा दो वह अपनी गाय के लिए बहुत रोती है और प्रार्थना करती है कि मेरी गाय वापस आ जाए तो वहां दरबार में राजा बोलता है कि इस गाय को दूसरे गाय के पास ना बांधकर मेरे दरबार में ही  बांध दिया जाए  तो जब सुबह राजा उठता है तो वह देखता है कि दरबार में गोबर ही गोबर है और गोबर की बदबू आ रही है तो वह अपने सैनिकों को उस गोबर को साफ करने को बोलता है लेकिन वह साफ ही नहीं होता

 तो वह उस बूढ़ी अम्मा को बुलाता है और उसकी गाय उसको वापस दे देता है जैसे ही वह उसकी गाय को उसको वापस देता है तो उसके दरबार का गोबर अपने आप साफ हो जाता है वह दोस्तों बुढ़िया मां उसे बताती है कि कैसे उसे  भगवान ने इस गाय  को दिया था वह उसे रविवार के व्रत की बात बताती है और बोलती है कि सभी को रविवार वाले दिन अपने घर में गाय का गोबर  फेरना चाहिए और सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए उसके बाद भोजन ग्रहण करना चाहिए यह सब सुनकर राजा उसकी पड़ोसन को दंड देता है और पूरी सभा में इस बात को कहता है कि सभी को यह बात बताई जाए जिससे सब धनधान्य से पूर्ण हो और सभी  इस  व्रत का लाभ उठा सकें तो दोस्तों आपको भी रविवार वाले दिन सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए और अपने घर को साफ सुथरा रखना चाहिए दोस्तों पहले गोबर घर में फेरा करते थे क्योंकि घर कच्चे  होते थे लेकिन दोस्तों आजकल अपने घर के सामने जहां से घर के अंदर प्रवेश करते हैं वहां पर गोबर को फेरा  जाता है और उसे बहुत अच्छा भी माना जाता है आप भी प्र्त्येक रविवार को अपने घर के सामने गाय के गोबर को फेरे और अपने घर से बुरी शक्तियो और गरीबी को घर से बाहर फेंके |  तो दोस्तों आशा करती हूं आपको मेरी यह कथा अच्छी लगी होगी अगर अच्छी लगी हो तो नीचे कमेंट करके जरूर धन्यावाद 

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