भगवान् कहा है |sachii gantna | भगवान और 1 भक्त की सच्ची घटना

भगवान और 1 भक्त की सच्ची घटना (god kha hai) 

पहले सतयुग में संत महात्मा और कुछ विद्वान लोग भगवान की प्राप्ति के लिए कहीं दूर एकांत स्थान पर जाकर भगवान को पाने के लिए मंत्रों का जाप करते थे और भूखे प्यासे बहुत दिनों तक भगवान की साधना करते थे लेकिन दोस्तों आजकल की भीड़भाड़ भरी जिंदगी में किसी भी व्यक्ति के पास इतना समय नहीं है कि वह भगवान प्राप्ति या भगवान की कृपा के लिए कहीं एकांत स्थान पर जाकर उनकी साधना करें या उनका नित्य जाप करें और अगर करते भी हैं तो वह मन से नहीं कर पाते क्योंकि कहीं ना कहीं उनके दिमाग में यह शंका रहती है कि भगवान है भी या नहीं जो लोग पूजा पाठ करते हैं उनमें से 90% लोगों के दिमाग में यही बात होती है कि हम इतना पूजा पाठ  कर रहे हैं भगवान हमें सुन भी रहा है या नहीं या भगवान है भी या नहीं शायद 10% लोग ही ऐसे होते होंगे जो दिल से परमात्मा की आराधना करते हैं मैंने खुद  देखा है कुछ लोग क्या करते हैं ज्यादातर लोग सुबह धूप लगाते हैं दीया लगाते हैं और भगवान को बोलते हैं भगवान आज तो हमारी 50000 की आमदनी हो जाए आज हमारे पास इतने पैसे कहीं से भी आने चाहिए और वह यह बोलकर मेहनत करते नहीं हैं और भगवान को शाम को वापस घर आ कर दोषी ठहराते हैं कि भगवान मैंने आपसे यह बोला था कि आप मेरी इतने हजार की आमदनी करवा देना तो  उनमें से ₹10 मैं आपको दूंगा दोस्तों यह एक भक्ति नहीं है यह रिश्वत है और ऐसे भगवान किसी की नहीं सुनते भगवान जब हम दिल से भगवान की प्रार्थना करते है  तो भगवान को खुद पता होता है कि मेरे भक्तों को क्या चाहिए और क्या इसके लिए उचित है वही वह उसको देता है और दोस्तों कुछ के भाग्य में बिल्कुल भी पैसा नहीं होता परंतु  अगर वह सच्चे दिल से भगवान की भक्ति करता है तो उसके लिए भी भगवान कुछ ना कुछ उसको उसके भाग्य से अधिक ही देता है आप लोग हमेशा यह सोचते हैं कि बुरे व्यक्तियों के साथ हमेशा अच्छा होता है और अच्छे व्यक्तियों के साथ हमेशा बुरा क्यों होता है दोस्तों  यही वजह है कुछ बुरे लोगों के भाग्य में अधिक लिखा होता है परंतु जब वह पाप करते हैं शायद उनके भाग्य में उससे अधिक लिखा हो परंतु उससे उसका कम ही मिलता है दोस्तों जब भी हम भक्ति करें तो हमें यह संदेह नहीं होना चाहिए कि भगवान है भी या नहीं तो आपकी भक्ति का कोई फायदा ही नहीं है वैसे तो भक्ति करने के बहुत सारे रास्ते होते हैं जरूरी नहीं है कि हम मंत्रों का जाप करें तभी हमें भगवान की प्राप्ति होगी जैसे मीरा भाई भजन कीर्तन कर के नाच गान करके भगवान को याद किया करती थी और कुछ किसी के बताए गए गलत मंत्र का इस्तेमाल करके अगर भगवान का दिल से पूजन करते है  और जिस भी भगवान् को वह दिल में सोचते हैं कि मेरे भगवान ऐसे हैं बड़े सोचो या छोटे सोचो तो भगवान की प्राप्ति उनको उसी रूप में होती है दोस्तों इतने भगवान एक ही भगवान को अलग-अलग रूप में पूजे जाने की वजह से बहुत सारे भगवान इस हिंदुस्तान में उत्पन्न हो गए हैं बस हम जिस रूप  को दिल में मानकर उसकी पूजा करते हैं मंत्रों का जाप करते हैं उसी रूप में हमे भगवान् की प्राप्ति होती है  दोस्तों वैसे तो हम मंत्रों का जाप कहीं भी कर सकते हैं आते जाते टाइम या काम करते समय बस फर्क इतना होता है कि जब हम एक माला लेकर किसी एकांत स्थान पर धूप जलाकर जाप करते है तो हमारा  मन एकाग्र होता है और पूजा पाठ में अच्छी तरह लग पाता है तरह-तरह के विचार हमारे मन में उत्पन्न नहीं होते क्योंकि हमारा ध्यान माला और मंदिर की तरफ होता है इसीलिए हम माला लेकर और एक एकांत स्थान पर बैठकर एक आसन बिछाकर मंत्रों का जाप करते हैं अन्यथा हम चलते फिरते कहीं भी मंत्रों का जाप कर सकते हैं  मंत्रो का हमारे जीवन पर बहुत अच्छा प्रभाव होता है  हमारे जीवन में अगर हम प्रतिदिन किसी मंत्र का जाप करते हैं तो उसके हमें जरूर फायदे मिलते हैं दोस्तों यह सोचना आपका बिल्कुल गलत है कि भगवान है या नहीं अगर भगवान नहीं होते तो यह इतनी किताबें इतनी कहानियां क्यों और कहां से बनती क्यों इतने चमत्कार होते दोस्तों मैं आज आपको एक छोटी सी कहानी बताती हूं जो इसका बहुत अच्छा उदाहरण है कि भगवान है या नहीं शायद इससे आपकी समस्या का समाधान हो जाए एक बार एक लड़की थी और 22 वर्ष की उम्र में उसकी मां का देहांत हो गया वह अपनी माता से बहुत प्यार करती थी और जब उसकी मां उसके जीवन से चली गई तो उसका  जीवन  कठिनाइयों से भर गया  एक दिन वह  बहुत दुखी हुई और उसने मां दुर्गा मां काली को अपनी मां के रूप में स्वीकार किया और बोली मां तूने मेरी मां को छीना है और आज से तू मेरी माता है और वह प्रतिदिन माता  के मंत्रों का जाप करने लगी दोस्तों उसके बाद उसके जीवन में इतने चमत्कार हुए की उनकी कोई गिनती नहीं  क्योंकि उसके मन में यह आशंका नहीं थी की मां है भी या नहीं उसने पूर्ण रूप से माता को अपनी माँ मान लिया था  उसके बाद उसने मुझे खुद बताया कि उसके जीवन में कोई भी संकट आता  वह आंख बंद करके एक बार भी माँ को याद करती  तो  उसकी समस्या  खत्म हो जाती जैसे कभी कुछ हुआ ही ना हो दोस्तों वह बहुत गरीब थी जब उसकी मां का देहांत  हुआ था उसकी शादी नहीं हुई थी उसके बाद जब उसकी शादी हुई तो वह बहुत ही अच्छा लड़का था माता की कृपा से उसे इतना अच्छा लड़का मिला शायद ही ऐसा प्रतीत हो रहा था उस लड़के को देखकर कि उसके अंदर ही भगवान बसा हो  और भगवान ने उसकी रक्षा के लिए उसको बेजा हो उसे जीवन की सारी खुशिया मिल गयी उसके बाद उसने देखा कि उसकी सासु मां इतनी अच्छी नहीं है जितनी  उस लड़की की सोच थी और वह  यह देख कर बहुत दुखी हुई वह बहुत बीमार भी रहती थी जिससे उसको अकेले उसके साथ रहने में बहुत परेशानी होती थी जब वह बहुत परेशान हुई तो उसने एक दिन हाथ जोड़कर माता से प्राथना की हे! माता इसको ठीक करो अगले ही दिन उसकी सासु  मां बिल्कुल ठीक हो गई जब भी कोई उसको गलत बोलता तो वह सिर्फ एक बार हाथ जोड़कर मां को याद करती मां यह मुझे ऐसे क्यों बोल रही  हैं मुझे बहुत परेशानी हो रही है तो वह देखती जो लोग उसको देख कर इतराते हैं उसको अच्छा नहीं बोलते वह भी उसके साथ अगले दिन खुद पर खुद बोलने लगते हैं और उसके जीवन की परेशानियां खत्म हो जाती हैं दोस्तों बस आपको यही कहना चाहती हूं कि जिस भी चीज की या जिस भी व्यक्ति की आपके जीवन में कमी है उसमें आप भगवान को देखें और भगवान को वही मान लें कि आप मेरे दोस्त हो मां हो बाप भगवान अगर आप सच्चे दिल से मानते हैं तो भगवान आपके हमेशा साथ रहेगा आपको दिखेगा और आपके जीवन में परिवर्तन होते चले जाएंगे दोस्तों हमें हमेशा अच्छे कर्म करने जाएंगे कभी भी बुरे कर्म नहीं करनी चाहिए और किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए चाहे कोई अच्छा हो या फिर बुरा बुद्ध गौतम बुद्ध हमेशा कहा करते थे कि अगर भगवान को पाना है तो दूसरों की निंदा छोड़कर मौन रहना सीखें इसी तरह इस बात में बहुत सच्चाई है कि अगर हम चुप रहकर उस परमपिता परमात्मा से अपने मन ही मन में बात करते हैं हमें भगवान की प्राप्ति हो जाती हैं अगर हम बाहरी दुनिया में बहुत ज्यादा व्यस्त रहते हैं और कभी उसको ढूंढने की कोशिश ही नहीं करते तो दोस्तों चाहे कहीं मर्जी पर्वतों पहाड़ों मंदिरों या कहीं भी जाकर ढूंढ लो आपको परमात्मा कभी नहीं मिल सकते वह तो आपके अंदर बैठे हैं और आपका इंतजार कर रहे हैं कि कब हम आप उसे सच्चे मन से याद करें दोस्तों सभी आत्मा परमात्मा से बनी हैं हमें सभी का सम्मान करना चाहिए बस जरूरत है मौन रहने की चुप रहने की दोस्तों कहीं लोग बाहरी रूप से तो बहुत चुप रहते हैं कभी किसी से बात तक नहीं करते वह मोन मोन नहीं है मैं उस मोन  की बात नहीं कर रही हूं अपने मन को शांत रखें अंदर से  चुप रहे वह मौन होता है तो यहां आंतरिक मोन  की बात हो रही है बाहरी मोन  कि नही दोस्तों विश्वास करके देखो कितनी जल्दी हमे परमात्मा की प्राप्ति होती है वह कण कण में निवास करता है उसके बिना पत्ता भी नहीं सकता 

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