जादुई चक्की
एक बार दो भाई थे| विक्रम और राघव दोनों के पास अच्छा रोजगार था एक दिन छोटे भाई राघव का कपड़ो का कारखाना बंद हो गया और वो धीरे धीरे बहुत गरीब हो गया वह मदद के लिए अपने बड़े भाई के पास गया और बोला भईया मैंने और मेरी पत्नी ने 2 दिन से कुछ नहीं खाया है मेरी मदद करो और मुझे खाने के लिए कुछ दे दो लेकिन उसका भाई बहुत बुरा इंसान था उसने उसे घर से बाहर निकाल दिया और उसकी कोई मदद नहीं की वह बहुत परेशान हो गया और अपने घर वापिस लौटने लगा रास्ते में उसे एक बुढ़िया मिली वह लकड़ियों का गठर उठाये हुए थी उसकी बूढ़ी माँ की मदद की और वो लकड़ियों का गठर उठा कर उसके घर छोड़ कर आया और उसने बूढ़ी माँ से कहा मैंने कुछ नहीं खाया सुबह से बूढ़ी माँ को उस पर तरस आ गया उसने उसे कुछ मिठाई दी और कहा कुछ दूर जाकर तुम्हे 4 पेड़ दिखाई देंगे उनके निचे एक गुफा है उसमे 3 बोने रहते है उन्हें ये मिठाई बहुत पसंद है उनके पास गुफा में चले जाना वो तुमसे मिठाई मांगे गए उनसे बदले में चक्की मांग लेना उसके बाद तुम्हारे दिन बदल जाएगे
उसके बाद वो गुफा में गया उसको वहीं 3 बोने दिखाई दिए बोनो ने जैसे ही उस बुढ़िया की बनी हुई केसर की मिठाई देखी उन्होंने राघव से वो मिठाई मांगी राघव ने कहा तुम मुझे बदले में वो चक्की दे दो म तुम्हे मिठाई दे दूँगा उन्होंने राघव को चक्की दे दी और बताया की ये कोई आम चक्की नहीं है इससे तुम जो मागोगे वही मिलेगा और जब तुम्हारी जरूरत खत्म हो जाये उसके बाद इसके ऊपर लाल कपड़ा रख देना ये सिर्फ लाल कपड़े से बंद होती है
राघव बहुत खुश हुआ और चक्की को लेकर घर चल दिया जैसे ही घर पहुंचा उसने उस चक्की के बारे में अपनी पत्नी को बत्ताया वह भी बहुत खुश हुई दोनों ने चक्की से चावल मांगे चक्की ने उनको चावल दे दिया फिर अगले दिन उन्होंने दाल मांगी फिर आटा ऐसे ही जो खाना था खा लिया बाकि को राघव बाजार में बेच कर आ गया ऐसे ही वह बहुत अमीर आदमी बन गया जब उसके भाई ने देखा ये इतना अमीर कैसे होता जा रहा है उसने एक दिन छुप कर खिड़की से उन्हें चक्की से अनाज मांगते देखा तो उसके भाई में लालच आ गया अगले ही दिन उसने उस चक्की को रात में मौका लगा कर चुरा लिया और चक्की को चुराने के बाद अपने पुरे परिवार के साथ गांव छोड़ कर जाने लगा वह एक किश्ती में बैठ गया और उस चक्की से नमक निकाल कर देखने लगा चक्की ने नमक देना शुरू किया जैसे ही उसने चक्की को रुकने के लिया बोला चक्की नहीं रुकी और नमक निकालती रही ऐसे ही पूरी किश्ती नमक से भर गयी वो और उसका परिवार डूब कर मर गए और राघव बहुत महेनती था उसने बहुत धन इकट्ठा कर लिया था इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है हमे ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए उसका परिणाम हमेसा बुरा होता है एक और ऐसी ही कहानी पढ़ने के लिए निचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करे
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